क्लासरूम के कोने में... मेरा राज़
क्लासरूम के कोने में... मेरा राज़
जब टॉपर लड़की ने अपने दिल का दरवाज़ा खोला… चुपचाप, मगर पूरी तरह से।
शालिनी, हमारी क्लास की सबसे होशियार और संस्कारी लड़की मानी जाती थी। बालों की चोटी हमेशा टाइट, बिंदी हमेशा एकदम बीच में, और यूनिफॉर्म तो जैसे किताबों से बाहर आई हो। हर टीचर की फेवरेट और हर लड़के की सीक्रेट क्रश।
पर किसी को क्या पता था कि इस सीधी-सादी दिखने वाली लड़की के दिल में भी कुछ उथल-पुथल चल रही है। उसका चेहरा हमेशा शांत दिखता, लेकिन आंखें... वो हर बार एक ही लड़के को ढूंढतीं—आरव को।
आरव क्लास का सबसे शांत लड़का था, थोड़ा इन्ट्रोवर्ट, लेकिन उसकी आँखों में एक गहराई थी जो शालिनी को खींचती थी। धीरे-धीरे दोनों की आंखें मिलतीं, फिर मुस्कानें। और एक दिन वो क्लास के कोने वाली सीट पर उसके बगल में आ बैठी।
पहली बार दोनों ने बात की तो सिर्फ होमवर्क के बारे में, लेकिन उनकी उंगलियों की हल्की टच और सांसों की गर्माहट कुछ और कह रही थी। फिर क्लास में बैठते वक़्त उनकी कुर्सियाँ धीरे-धीरे एक-दूसरे के और करीब आने लगीं।
लंच टाइम में सब बाहर जाते और वो दोनों क्लास में रुक जाते। एक किताब के पीछे छुपी मुस्कानें, कभी-कभी टिफिन के साथ शेयर किया गया चॉकलेट, और फिर धीरे से हाथ पकड़ना… ये सब एक आदत बन चुका था।
शालिनी की सांसें तब तेज़ हो जातीं जब आरव उसकी गर्दन के पास हल्के से फुसफुसाता, "आज बहुत सुंदर लग रही हो।" और वो, शर्म से लाल होकर उसकी आँखों में देखती और कुछ नहीं कहती।
एक दिन, मॉनिटर ना आने की वजह से क्लास खाली थी। खिड़की से आती हल्की धूप, और शालिनी के बालों में से आती उसकी हल्के गुलाबी परफ्यूम की खुशबू... आरव ने धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखा, और उसके कानों के पास कुछ कहा जो सिर्फ वही सुन सकी।
उस दिन उनकी सांसें एक लय में चलने लगीं, धड़कनें तेज़ हो गईं, और उनकी उंगलियाँ किताबों के नीचे छुपकर एक-दूसरे को महसूस कर रही थीं। क्लासरूम का वो कोना उनके लिए एक राज़ बन गया था।
कभी-कभी जब टीचर बोर्ड पर लिख रही होतीं, तो आरव अपनी पेन शालिनी की हथेली में रख देता। और वो, उसे कस के पकड़ लेती। उस एक पेन में कई अनकहे जज़्बात बहते थे।
यह सिलसिला महीनों चला। किसी को कुछ पता नहीं चला, और शायद यही उनका "सीक्रेट स्पेस" था। पढ़ाई के बहाने शुरू हुआ रिश्ता अब उन खामोश पलों का हिस्सा बन गया था, जो कभी ज़ुबान पर नहीं आए, लेकिन हर स्पर्श में, हर मुस्कान में ज़िंदा रहे।
लेखक: MASTRAMM | प्रस्तुति: SpicyRaazDesi
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